Intezar nahi hota…!!!
सुबह तो हर रोज़ होती है पर अब किसी के message का इन्तेज़ार नहीं होता है
वो हर रोज़ की तरह तुम्हारी बातो का जो अख्बार नहीं होता है..!
सुबह सुबह उठ कर mobile की तरफ़ भाग कर
बेसब्री से तुम्हारे good morning का खयाल नहीं आता है..!
सुबह तो हर रोज़ होती है पर मेरे msg का जवाब नहीं होता है..!
अब काम मे उल्झा रहता हूं तो फोन की स्क्रीन पर रुझाव नहीं होता है
जानता हूं वो तेरा पैगाम नहीं होता पर एक बार तुम्हारा ख्याल कर लेता हूं
मेरा छुटटी का दिन भी अब इत्वार नहीं होता है
सुबह तो हर रोज़ होती है पर अब तुम्हारे msg का इन्तेज़ार नहीं होता है..!
सुबह उठ तो जाता हूं पर एक उमंग की कमी रहती है..!
आंखें खुली होती है और ख्यालो में तु रहती है.!
अब मन में एक ही सवाल सा रहता है.!
की इस दिन के लिए खुद को इतना तराशा था ?
क्युकि मेहनत मेरी अब धुन्ध्ली सी लगती है..!
तुम्हारे नशे का असर ऐसा चढ़ा है कि
अब तो मुझे चाय में भी वो नशा नहीं होता है.!
उस चाय को भी पीने का अब मन नहीं करता है.!
क्युकि अब हर रोज़ की तरह तुम्हारी बातो का अख्बार नहीं होता है.!
हाँ सुबह तो हर रोज़ होती है पर अब तुम्हारे msg का इन्तेज़ार नहीं होता है..!
Credit: Mr.Daniel Rodricks